वे आनंदम हेल्थकेयर® के दूरदर्शी सीईओ हैं। उन्होंने बाज़ार में ऐसे स्वामित्व वाले हर्बल फ़ॉर्मूलों की कमी को पहचाना जो रक्तचाप, मधुमेह, अवसाद, हृदय, गुर्दे, यकृत, पाचन, मस्तिष्क और दीर्घायु जैसी प्रचलित स्वास्थ्य समस्याओं का प्रभावी ढंग से समाधान करते हैं और सभी उम्र के लोगों को बेजोड़, प्राकृतिक स्वास्थ्य प्रदान करते हैं। उन्होंने आयुर्वेद में क्रांति लाने का बीड़ा उठाया। चरक संहिता में सूचीबद्ध शास्त्रीय हर्बल औषधियों के विपरीत, जो बाज़ार पर हावी हैं, उनका लक्ष्य लक्षित, चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित हर्बल मिश्रण विकसित करना था जो तेज़ परिणाम दें और इस मिथक को तोड़ें कि आयुर्वेदिक उपचार धीरे-धीरे असर करते हैं। उनका नवोन्मेषी दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करता है कि आनंदम के फ़ॉर्मूलों का आधार केवल पाठ्यपुस्तकों के सैद्धांतिक गुण नहीं हैं, जो मिश्रित होने पर प्रभावकारिता खो सकते हैं, बल्कि विभिन्न आयु समूहों के वास्तविक रोगियों और अस्पताल के कर्मचारियों की देखरेख में जटिलताओं पर उनका कठोर परीक्षण किया जाता है।